ट्रस्ट के संस्थापक श्री सुमित भ्याना अपने अंतर्राष्ट्रीय रसद व्यापार में पूरे मनोयोग से लगे हुए थे । अपना व्यापार अपने माता पिता की छत्रछाया में भारत का दिल कहे जाने वाले महानगर दिल्ली में मुख्यालय बनाकर अच्छे तरीके से विश्व के भिन्न-भिन्न देशों में फैला रहे थे । इसी बीच 16 फरवरी 2019 को श्री रामसरन दास भ्याना जी को शौचालय में हृदयाघात हुआ । वे लगभग 30 मिनट तक शौचालय में अचेत अवस्था में पड़े रहे । काफी इंतजार के बाद जब श्री रामसरन दास भ्याना जी की धर्मपत्नी उन्हें शौचालय में जाकर देखती हैं , तो उन्हें देखकर वे स्वयं भी अपने होश - हवास खो बैठती है । कुछ समय तक वे समझ नहीं पाती कि क्या किया जाए ? किसे इस घटनाक्रम से अवगत करवाया जाए ? कुछ समय बाद अपने आपको संयत कर सगे संबंधियों को फोन करके इस घटना से अवगत करवाती हैं । यद्यपि उन्होंने यह सब करने में तीव्रता बरती थी । फिर भी 15 से 20 मिनट और लग गई । अस्पताल में पहुंचने पर डॉक्टर ने परिजनों को देरी से आने के कारण होने वाली अपूर्णीय क्षति से अवगत करवाया और कहा कि यदि आप इनको घंटे भर पहले अस्पताल पहुंचा पाते तो शायद हम इन्हें बचा लेते ।
पिताजी के क्रिया कर्म के पश्चात जब श्री सुमित भ्याना अपनी माताजी के पास आए तो माताजी ने श्री सुमित भ्याना को पिताजी के हृदयाघात व दूरभाषिक सूचना समय पर न देने वाली घटना के कारण हुई लगभग एक घंटे की देरी से डॉक्टर के पास पहुंचने वाली बात बताई । उन्होंने बताया कि यदि हम समय पर डॉक्टर के पास पहुंच जाते तो शायद तुम्हें तुम्हारे पिताजी का आशीर्वाद और लंबे समय तक मिल सकता था ।